झारखंड: कोयला तस्करी मामले में ईसीएल, रेलवे और सीआईएसएफ के पदाधिकारियों के खिलाफ केस दर्ज
- Last updated: Sun, 29 Nov 2020 12:57 AM

ईसीएल के माइनिंग एरिया से संगठित तौर पर कोयला चोरी कराने व अवैध खनन के मामले में सीबीआई ने बड़ी कार्रवाई की है। सीसीएल, सीआईएसएफ, रेलवे समेत अन्य विभाग से जुड़े अधिकारियों के साथ साथ कोयला तस्करी के मास्टरमाइंड अनूप मांझी उर्फ लाला समेत कईयों के खिलाफ सीबीआई की कोलकाता एसीबी ने एफआईआर दर्ज की है। एफआईआर दर्ज किए जाने के बाद सीबीआई ने झारखंड, बंगाल, बिहार, यूपी के 45 से अधिक ठिकानों पर छापेमारी की।
सीबीआई ने ईसीएल के कुनुस्टोरिया एरिया के तत्कालीन जीएम अमित कुमार धर(वर्तमान में पंडेश्वर एरिया जीएम), कजोरा एरिया के जीएम जयेश चंद्र राय, ईसीएल आसनसोल के चीफ ऑफ सिक्योरिटी तन्मय दास, कुनुस्टोरिया के एरिया सिक्योरिटी इंस्पेक्टर धनंजय राय, कुजोरा एरिया के सिक्योरिटी इंचार्ज देवाशीष मुखर्जी, अनूप मांझी समेत ईसीएल, सीआईएसएफ, रेलवे समेत अन्य विभाग के अज्ञात कर्मियों व अन्य निजी व्यक्तियों को आरोपी बनाया है।
क्या है मामला?
झारखंड के धनबाद से सटे ईसीएल के कई खनन प्रोजेक्ट पर ईसीएल की विजिलेंस टीम व ज्वाइंट टास्क फोर्स ने छापेमारी की थी। इस दौश्रान अवैध खनन, कोयला तस्करी के सबूत मिले थे। वहीं अवैध कारोबार में लगाए वाहनों को भी जब्त किया गया था। जांच में पाया गया था कि अनूप मांझी उर्फ लाला समेत अन्य लोगों के द्वारा संगठित तरीके से कुनुस्टोरिया एरिया के तोपसी, कजोरा एरिया के लच्छीपुर गांव से अफसरों की मदद से कोयला तस्करी करायी जा रही है। 7 अगस्त को पांडेश्वर रेलवे साइडिंग में छापेमारी के दौरान 9050 मिट्रिक टन अवैध कोयला बरामद किया गया। बाद में अलग अलग छापे में कई रेलवे साइडिंग से छापेमारी में ऐसी ही खेंप मिली।
लाला के अफसरों से हैं बेहतर रिश्ते, लंबे समय से सक्रिय
अनूप मांझी उर्फ लाला को सीबीआई ने मास्टरमाइंड माना है। ईसीएल समेत अन्य विभाग के अधिकारियों के साथ सांठगाठ कर लाला कोयला खनन व तस्करी कराता है। लाला के रिश्ते झारखंड के कई अधिकारियों से भी रहे हैं। लाला बंगाल के अवैध कोयले को झारखंड के रास्ते यूपी व बिहार के मंडियो तक भेजता था। हाल ही में धनबाद में भी लाला के द्वारा कोयला तस्करी कराए जाने का मामला सामने आया था। लाला के ठिकानें पर छापेमारी से उसके करीबियों में हड़कंप मची है। लाला के द्वारा लगभगत एक दशक से झारखंड के पुलिस अधिकारियों को कोयला पासिंग के लिए मैनेज किया जाता रहा है। कोयला पासिंग में प्रत्येक ट्रक पर पुलिस अफसरों को भी बंधा बंधाया रकम मिलता रहा है।